बहरीन की सरकार भूख हड़ताल पर क्या कह रही है?


बहरीन के गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि वह क़ैदियों के खुली हवा में रहने का समय दो से चार घंटा करने के लिए तैयार है और परिजनों से मिलने का वक़्त भी बढ़ाया जाएगा.

इसके अलावा फ़ोन पर बातचीत के समय की भी समीक्षा के लिए तैयार है. बहरीन की सरकार ने इस बात से इनकार किया है कि वह राजनीतिक विरोधियों को टारगेट कर रही है. सरकार का कहना है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित कर रही है.

सरकार ने कहा है कि क़ैदियों के साथ व्यवहार अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत ही हो रहा है.

सरकार ने जेल में क़ैदियों की स्थिति की आलोचना को ख़ारिज कर दिया है.

बहरीन की सरकार ने 800 क़ैदियों की भूख हड़ताल की बात को नकार दिया है. रॉयटर्स को भेजे जवाब में बहरीन की जेल अथॉरिटी ने कहा है कि भूख हड़ताल पर 800 नहीं बल्कि 121 से 124 क़ैदी ही हैं.

खाड़ी की राजशाही सरकार वाले देशों में बहरीन एकमात्र देश था, जहाँ अरब स्प्रिंग का असर था.

यहाँ भी प्रदर्शनकारी शाही परिवार के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतर गए थे. यह प्रदर्शन 2013 तक किसी न किसी रूप में जारी रहा था.

इसके बाद वहाँ की सरकार ने मुख्य विपक्षी समूह को भंग कर दिया था और हज़ारों लोगों पर मुक़दमा दर्ज कराया था. सैकड़ों लोगों की नागरिकता छिन ली गई थी. कइयों को तो देश छोड़ना पड़ा था.

बहरीन की मानवाधिकार कार्यकर्ता मरियम अल-ख़्वाजा ने कहा कि उनके पिता अब्दुलहादी प्रमुख विपक्षी नेता हैं और उन्हें भूख हड़ताल के बाद आईसीयू में जाना पड़ा.

मरियम ने कहा कि उनके पिता के इलाज के लिए कार्डियोलॉजिस्ट तक नहीं जाने दिया जा रहा है. अहमद जाफर उन क़ैदियों में से एक हैं, जब उन्होंने भूख हड़ताल शुरू की तो एकांत में डाल दिया गया.

अहमद जाफर के परिवार वालों ने कहा है कि उन्हें 27 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कर दिया गया.

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने कहा है कि वह बहरीन में क़ैदियों की स्थिति के मूल्यांकन के लिए तैयार है. यूएन ने कहा है कि बहरीन क़ैदियों के साथ अंतरराष्ट्रीय नियमों के आधार व्यवहार करे.

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