दम मारो दम गाना जब देव आनंद ने निकाल दिया था

1971 में देव आनंद की फ़िल्म हरे रामा हरे कृष्णा के गाने ‘दम मारो दम...’ को कल्ट गाना माना जाता है. लेकिन आनंद बख़्शी का लिखा ये गाना लभगभ फ़िल्म से हटा ही दिया गया था.

बात उस समय की है जब ये गाना अभी तैयार नहीं हुआ था. आशा भोंसले नेपाल में घूम रही थीं और एक कैफ़े में उन्हें एक परिचित चेहरा दिखाई दिया. क़रीब जाने पर उन्होंने देखा कि वो आरडी बर्मन थे.

‘मोमेंट्स इन टाइम’ सीरिज़ में आशा भोंसले बताती हैं, “नेपाल के कैफ़े में आरडी बर्मन कई तरह के स्पूल सुन रहे थे, उन्होंने मुझे भी सुनाया. उनमें कोई गाना नहीं था, कोई बोल नहीं थे, सिर्फ़ तरह तरह की आवाज़ें थीं. आरडी बर्मन ने वो सारे स्पूल ख़रीद लिए. एक महीने बाद उन्होंने मुझे एक गाना ऑफ़र किया. मुझे वो गाना बहुत ही पसंद आया और मैंने उसे रिकॉर्ड कर दिया. लेकिन दो दिन बाद पंचम ने फ़ोन करके बोला कि ये गाना फ़िल्म से हटा दिया गया है. ये बात सुनते ही मैं निर्देशक के घर चली गई. मैंने उनसे कहा कि ये गाना बहुत अच्छा है और आप प्लीज़ इसे मत हटाइए. मैने बहुत ज़ोर दिया. मेरे बार बार कहने पर वो निर्देशक बोले- आप कह रही हैं तो मैं गाना रख लेता हूँ.”

वो गाना था ‘दम मारो दम...’ और निर्देशक थे देव आनंद.

ये गाना दरअसल ऑल इंडिया रेडियो पर बैन हो गया था क्योंकि कई लोगों को लगता था कि इसमें ड्रग्स वगैरह है. बावजूद इसके आशा भोंसले का ये गाना हिट बहुत बड़ा हिट साबित हुआ. इसने रातों रात ज़ीनत अमान को भी स्टार बना दिया.

बीबीसी सहयोगी मधु पाल से बातचीत में राजीव विजयकर कहते हैं, “दम मारो दम... आशाजी के टॉप दस गानों में माना जा सकता है. ये ड्रग एडिक्ट पर फ़िल्माया गाना था. ज़रूरत थी कि गाने में एक तरह का नशीलापन हो, थोड़ा सेंशुएस हो. ज़ीनत अमान के वेस्टर्न किरदार की आवाज़ बनने के लिए जिस आवाज़ की ज़रूरत थी उसे आशा जी ने सहजता से निभाया. इसके लिए आशा भोंसले को फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड भी मिला.”

आजा आजा मैं हूँ प्यार तेरा- रफ़ी-आशा पर शर्त

1966 में आई ‘तीसरी मंज़िल’ वो फ़िल्म थी जिसने आरडी बर्मन को पहचान दिलवाई और शम्मी कपूर को और मक़बूल किया.

आशा भोंसले और शम्मी कपूर के बीच बहुत अच्छा रिश्ता था और आशाजी उन्हें शम्मी भइया कहती थीं. शम्मी कपूर अपनी बेहतरीन म्यूज़िकल समझ के लिए जाने जाते थे. आशाजी की रिकॉर्डिंग में शम्मी कपूर आया करते थे.

‘तीसरी मंज़िल’ फ़िल्म का एक गाना था ‘आजा आजा मैं हूँ प्यार तेरा...’

इस गाने के लिए आरडी बर्मन आशा भोंसले के पास प्रस्ताव लेकर गए. तब पंचम नए थे.

इंडियन आइडल कार्यक्रम में आशा भोंसले ने इस गाने से जुड़े किस्से सुनाए थे.

उन्होंने बताया था, “बर्मनजी ने गाना शुरू किया ‘आजा आजा मैं हूँ प्यार तेरा...’ जब उन्होंने ‘अ आ आजा...’ वाला पोर्शन बताया तो मैं झटका खा गई कि ये मुझसे नहीं होगा. मेरा गुरूर टूट गया. मैंने कहा कि चार पाँच दिन के बाद करती हूं.”

“मैं ओ हा हा की प्रैक्टिस करती थी. मैं गाड़ी में भी प्रैक्टिस करती थी. उधर नासिर हुसैन और पंचम ने रफ़ी जी और मुझ पर 500 रुपये की शर्त लगाई हुई थी कि कौन बेहतर गाएगा. मैं तो बहुत डरी हुई थी. मैं लता दीदी के कमरे में गई. उन्होंने कहा कि क्यों छटपटा रही हो, तुम भूल रही हो कि तुम पहले मंगेशकर हो और बाद में भोंसले हो. जाओ तुम्हारा गाना अच्छा होगा. मैंने गाना गाया और पंचम मेरे ऊपर लगाई 500 रुपये की शर्त जीत गए.”

आशा भोंसले ने अपने वीडियो में बताया है कि जब ये गाना स्टूडियो में रिकॉर्ड हो रहा था तो शम्मी जी उनसे मज़ाक में आकर कहा था कि ‘तुम इतना अच्छा मत गाओ. मैं हीरो हूँ. तुम, अच्छा गाओगी तो आशा पारेख अच्छी लगेगी मुझसे.’

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