शिखण्डी राजा का उल्लेख महाभारत महाकाव्य में मिलता है। शिखण्डी राजा महाभारत के कौरव पक्ष के महान योद्धा और ब्राह्मण द्रोणाचार्य के पुत्र थे।

 शिखण्डी राजा का उल्लेख महाभारत महाकाव्य में मिलता है। शिखण्डी राजा महाभारत के कौरव पक्ष के महान योद्धा और ब्राह्मण द्रोणाचार्य के पुत्र थे।

शिखण्डी राजा का एक महत्वपूर्ण किरोरी सम्बन्ध था क्योंकि वे पहले स्त्री रूप में जन्मे थे और उनका पूर्व नाम "शिकंदिनी" था। उनका दुर्बल शरीर उन्हें योद्धा बनने में समस्या आने के कारण दु:खी कर दिया था। उन्होंने तपस्या और परमेश्वर की कृपा से अपने शरीर को पुरुष रूप में प्राप्त किया और फिर "शिखण्डी" नाम से प्रसिद्ध हुए।

महाभारत के युद्धकांड में, शिखण्डी राजा का योगदान वीर अभिमन्यु की मृत्यु के बाद हुआ था, जब वे भीष्म पितामह के विरुद्ध युद्ध किए और उनकी मृत्यु का कारण बने। शिखण्डी के योद्धा बनने का कथा महाभारत का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह धार्मिक और सांस्कृतिक पाठों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

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