संजय को दिव्य दृष्टि (divya drishti) की प्रदान महाभारत के महान गुरु और आचार्य द्रोणाचार्य ने की थी।

 

संजय को दिव्य दृष्टि (divya drishti) की प्रदान महाभारत के महान गुरु और आचार्य द्रोणाचार्य ने की थी। द्रोणाचार्य ने अपने छात्र संजय को विशेष शिक्षा दी थी, जिससे संजय अदृष्टि (अंधकारदृष्टि) के बजाय दिव्य दृष्टि (ज्ञान द्वारा विशेष दृष्टि) की प्राप्ति कर सकते थे।

दिव्य दृष्टि की वरदान से संजय को महाभारत के युद्ध घटनाओं का सटीक और विस्तार से वर्णन करने की क्षमता प्राप्त हुई थी, और वह धृतराष्ट्र राजा को कुरुक्षेत्र के युद्ध के विचारों, योद्धाओं की प्रस्तुतियों, और महत्वपूर्ण घटनाओं की सूचना प्रदान करते रहे थे। संजय का कार्य महाभारत के युद्ध यात्रा को सुनिश्चित और सटीक रूप से महाभारत महाकाव्य में प्रस्तुत करना था, ताकि धृतराष्ट्र राजा ज्ञान प्राप्त कर सकें और अपने पुत्रों के युद्ध के परिणामों की जानकारी प्राप्त कर सकें।

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