शिव के धनुष का नाम "पिनाक" था। पिनाक धनुष हिंदू मिथोलॉजी में महादेव शिव का विशेष धनुष था, जिसका उपयोग भगवान शिव ने कई महत्वपूर्ण कार्यों और घटनाओं में किया।
एक प्रमुख कथा के अनुसार, पिनाक धनुष भगवान शिव ने उस समय उपयोग किया जब वे सती के दुख से पागल हो गए और उनके शरीर के अंशों को विभाग कर दिया। पिनाक धनुष का उपयोग भगवान शिव ने सती के पिता दक्ष यज्ञ को ध्वंस करने के लिए किया, जिससे उनके विषाणु रूप विरोधी देवताओं के साथ एक महत्वपूर्ण संघर्ष का आरंभ हुआ।
पिनाक धनुष का उपयोग भगवान शिव ने कई और गाथाओं में भी किया, और इसे हिंदू धर्म के एक प्रमुख पूजा प्रतीक के रूप में माना जाता है।
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