पीतल के बर्तन में भोजन करना

 पीतल के बर्तन में भोजन करना वात के रोगों को बढ़ता है अतः जिन को जोड़ों में दर्द, घुटनो या कमर में दर्द रहता हो, या जिन्हे नींद ना आने की शिकायत हो, उचाटी शरीर में मचती हो आदि, ये वात रोग 80 होते हैं बाकि आप गूगल कर सकते हैं।

वात के रोगियों को पीतल के बर्तन में सेवन नहीं करना चाहिए। पीतल के बर्तन में भोजन करना शरीर के लिए रुक्ष और उष्ण होता है, गर्मियों में तो बिलकुल भी सेवन न करें।

लेकिन जिनके शरीर में कीड़ें हैं या जिनको कफ के रोग है , उनमें मुख्यतः खांसी, जुखाम, स्वास सम्बन्धी, मोटापा बीमारी होती है उनके लिए हितकर है।

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