जीवन में भी जब कोई समस्या आती है तो बस यही मानकर खुश रहना है कि हो न हो इसके पीछे भी भगवान की कोई योजना है जिसके अच्छे परिणाम भविष्य में हमें देखने को मिलेंगे.......धैर्य रखना है....एक दिन सब संकट दूर होंगे.......

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एक बार भगवान से उनका एक भक्त कहता है..भगवान

आप वर्षों तक एक जगह खड़े-खड़े थक गये होंगे,एक दिन के लिए मैं आपकी जगह मूर्ति बनकर खड़ा हो जाता हूं, आप मेरा रूप धारण कर थोड़ा घूम आओ l

भगवान मान जाते हैं..लेकिन वे एक शर्त रखते हैं कि

जो भी लोग प्रार्थना करने आयें, तुम बस उनकी

प्रार्थना सुन लेना लेकिन कुछ बोलना नहीं क्योंकि मैंने उन सभी के लिए अलग अलग प्लानिंग कर रखी है

भक्त मान जाता है l 

उसके बाद सबसे पहले मंदिर में एक व्यापारी आता है और कहता है... भगवान मैंने एक नयी फैक्ट्री शुरू की है,उसे खूब सफल करना,मुझें मालामाल कर देना प्रभु..

औऱ फिर वह व्यापारी माथा टेकता है तभी उसका पर्स नीचे गिर जाता है जिसे वह देख नहीं पाता है l वह बिना पर्स लिये ही चला जाता है l

भक्त बहुत बेचैन हो जाता है. वह सोचता है कि रोक कर

उसे बताये कि उसका पर्स गिर गया, लेकिन शर्त की वजह से वह कुछ नहीं कह पाता है l

इसके बाद एक गरीब आदमी आता है और भगवान से विनती कहता है कि घर में खाने को कुछ नहीं.भगवान मदद करो...मेरे बच्चे भूखे हैं....

तभी उसकी नजर वहीं गिरी हुई पर्स पर पड़ती है. वह भगवान का शुक्रिया अदा करता है और पर्स लेकर चला जाता है l

अब तीसरा व्यक्ति आता है, वह एक नाविक है l

वह भगवान से कहता है कि मैं कुछ दिनों के लिए जहाज लेकर समुद्र की यात्रा पर जा रहा हूं,यात्रा में कोई अड़चन न आये भगवान...मेरी रक्षा करना...

तभी पीछे से वही व्यापारी पुलिस के साथ आता है और कहता है कि मेरे बाद शायद ये नाविक आया है औऱ इसी ने मेरा पर्स चुरा लिया है ।

पुलिस नाविक को गिरफ्तार कर ले जाने लगती है तभी अचानक वो भक्त बोल पड़ता है l

अब पुलिस उस भक्त के कहने पर उस गरीब आदमी को पकड़ कर जेल में बंद कर देती है।

रात को भगवान आते हैं तो भक्त खुशी खुशी पूरा किस्सा बताता है l

भगवान नाराज़ होकर कहते हैं....बेवकूफ, तुमने किसी का काम बनाया नहीं, बल्कि बिगाड़ा है lवह व्यापारी गलत धंधे करता है,अगर उसका पर्स गिर भी गया, तो उसे कुछ भी फर्क नहीं पड़ता बल्कि इससे उसके पाप ही कम होते, क्योंकि वह पर्स गरीब इंसान को मिला था. पर्स मिलने पर उसके बच्चे भूखों नहीं मरते.रही बात नाविक की, तो वह जिस यात्रा पर जा रहा था, वहां तूफान आनेवाला था,अगर वह जेल में रहता, तो जान बच जाती.उसकी पत्नी बच्चे अनाथ होने से बच जाते. तुमने सब गड़बड़ कर दी l

कई बार हम सबके जीवन में भी जब कोई समस्या आती है तो बस यही मानकर खुश रहना है कि हो न हो इसके पीछे भी भगवान की कोई योजना है जिसके अच्छे परिणाम भविष्य में हमें देखने को मिलेंगे.......धैर्य रखना है....एक दिन सब संकट दूर होंगे.......

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