ब्रह्मा जी ने बरदान दिया था की अब से तुम पर कोई अस्त्र- शास्त्र और प्रहार का असर नहीं होगा? तुम पर कोई शस्त्र का प्रहार सफल नहीं होगा और तभी तो कहा गया है -
यम कुवेर दिक्पाल जहा ते, कबि कोविद कह सके कहाँ ते?
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा, राम मिलाये राज पद दीन्हा.
अर्थात- श्री हनुमान जी पर यमराज का फाँस, कुवेर के और दिक्पालों के अस्त्र- शस्त्र या इंद्र का ब्रज अब काम नहीं करेगा आज वो बाते पूर्णतः सत्य हैं. हनुमान जी पर कोई अस्त्र शस्त्र नहीं चलता और तभी तो हनुमान जी ने जानबूझकर मेघनाद के ब्रह्मा अस्त्र में बांध गए थे, और वो भी इसलिए ताकि वो रावण का बैभव और सिंहासन देख सके. क्योंकि, उन्हें केवल श्री राम अस्त्र से ही कोई भक्त बांध सकता हैं. वैसे हनुमान जी को कोई बांध नहीं सकता और न कोई पराजित कर सकता हैं.
क्योंकि, श्री राम के दुलारे हनुमान जी भक्त और सेवक है. वही श्री बजरंगबली माता सीता के लाडले पुत्र हैं. वो माता सीता के हांथो से ही भोजन करते थे और द्वापर में भी जब श्री कृष्ण ने उन्हें बुलाया तो उन्होंने साफ़ कह दिया प्रभु श्री कृष्ण से की वो अपने माता जानकी के हांथो से ही खाएंगे- अन्यथा नहीं खाएंगे?
आज भी वो प्रभु के दुलारे लादले पुत्र हैं. श्री राम जैसा की मैंने सुना है संतो से की आज भी वो प्रभु की आराधना प्रतिदिन प्रातःकाल करते हैं. भगवान् माता सहिंत दर्शन भी उन्हें देते हैं. वैसे तो श्री राम उनके रोम रोम में बसते है. पर जब भी वो चाहे भगवान् को साच्छात प्रगट कर सकते हैं .
इनके जैसा और दूसरा कोई भक्त नहीं हैं. हनुमान जी के सामान केवल हनुमान जी हैं. इन्हे माता जानकी जी ने भी अजर अमर होने का बरदान दिया है. अजर, अमर गुणनिधि सूत होउ, करहि सदा रघुनायक छोहूं. इसलिए, माता सीता के लादले दुलारे पुत्र है. उन्हें कोई हरा नहीं सकता?
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