कुछ डायलाग ..
(1) "कपड़ा तेरे बाप का! तेल तेरे बाप का! जलेगी भी तेरे बाप की"
(2) "तेरी बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने चला आया"
(3) "जो हमारी बहनों को हाथ लगाएंगे उनकी लंका लगा देंगे"
(4) "आप अपने काल के लिए कालीन बिछा रहे हैं"
(5) "मेरे एक सपोले ने तुम्हारे शेषनाग को लंबा कर दिया अभी तो पूरा पिटारा भरा पड़ा है"
आदिपुरुष रामानंद सागर की रामायण का रत्ती भर भी मुकाबला नहीं कर सकती क्योकि उसमे रामायण के किरदारों को बहुत ही मर्यादा के साथ दिखाया गया था और आज भी लोग उसे पसंद करते है।
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